Ya Mustafa Ya Mujtaba Lyrics || Qari Rizwan Khan || Roman(ENG) & हिंदी(HINDI)
Roman(ENG):
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Dikhaaya Jo Taybaah ka Mujko nazaara
Ata karde bakhshish ka muzda Khudaara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ye Ummat ki kashti bhanwar mein fasi hai
Mile Isko Rehmo Karam ka kinaara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Hamaare Saron se chhate gam ke baadal
Karo Aap gar ungaliyon se ishaara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Base Mere Dil mein Shahe deen ki ulfat
Tumhaare liye jaan kar dun nisaara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Hai peshe nazar Mere Roze ki jaali
Karam karde aasin pe Aaqa Khudaara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Meri Rooh tan se juda jab ke howe
Karun waqte rukhsat bhi Tera nazaara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Sanwar jaaye Shakir ki qismat yakinan
Agar Aap kehdo ke Tu hai Hamara
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
Ya Mustafa Ya Mujtaba
हिंदी(HINDI):
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
दिखाया जो तयबाह का मुझको नज़ारा
अता करदे बख्शीश का मुज़्दा खुदारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
ये उम्मत की कश्ती भंवर में फंसी है
मिले इसको रहमो करम का किनारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
हमारे सरों से छटें गम के बादल
करो आप गर उँगलियों का इशारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
बसे मेरे दिल में शहे दीं की उल्फत
तुम्हारे लिए जान कर दूँ निसारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
है पेशे नज़र मेरे रोज़े की जाली
करम करदे आसीं पे आक़ा ख़ुदारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
मेरी रूह तन से जुदा जब के हॉवे
करूँ वक़्ते रुखसत भी तेरा नज़ारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
संवर जाए शाकिर की क़िस्मत यक़ीनन
अगर आप केहदो के तू है हमारा
या मुस्तफा या मुज्तबा
या मुस्तफा या मुज्तबा
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