हिंदी(HINDI):
सिद्दीक़-ए-अकबर , सिद्दीक़-ए-अकबर
सिद्दीक़-ए-अकबर , सिद्दीक़-ए-अकबर
या अमीरुल मोमिनीन , या अमीरुल मोमिनीन
पहले सहाबी मेरे सिद्दीक़ हैं
पहले खलीफा मेरे सिद्दीक़ हैं
बिलाल को ग़ुलामी से आज़ाद कराए
इमामते अली, उमर, उस्मान कराए
रसूले पाक की चाहत, अबूबकर सिद्दीक़
हैं आप फखरे खिलाफत, अबूबकर सिद्दीक़
नबी के बाद जो अफ़ज़ल हैं सारे आलम में
वही है शाने सदाक़त , अबूबकर सिद्दीक़
पहला मददगार , पहला सहाबी
नबी ने जिसे हर क़दम पे दुआ दी
वो अफ़ज़ल बशर , बा'द अज़-अम्बिया
वो जाने सदाक़त, जाने वफ़ा है
फरिश्ते उसी की अदाओं पे आशिक़
उसी की नमाज़ें दुआओं पे आशिक़
सहाबी हो ऐसा इमामों से आला
मुहम्मद से हर दम वफ़ा करने वाला
वो सिद्दीक़े अकबर के जिसका लक़ब है
वो पहला खलीफा , वो पहला अरब है
बशर की सदाक़त का में यार ठहरा
सदाक़त का ऊँचा वो मीनार ठहरा
चटानों से मज़बूत उसका क़दम था
वो चलता हुआ एक बाबे हरम था
वो सारा था तालीमे क़ुरआन जैसा
खुदा का एक एक वो फरमान जैसा
खुदा उनसे राज़ी हुआ वो खुदा से
कहा खुदसे आमीन उसकी दुआ से
ज़मीं पे वो अर्शे बरी देखता है
वो सबसे निराला वो सबसे जुदा है
दुआ के लिए वो अगर लब हिला दे
खुदा उसपे अपने ख़ज़ाने लुटा दे
वही शानी हसनैन का है मुख़ातब
उसी के लिए है बड़े सब मरातिब
वो सिद्दीक़े अकबर के जिसका लक़ब है
वो पहला खलीफा वो पहला अरब है
जब भी खुदा से दुआ मांगता है
वो अपने लिए मुस्तफा मांगता है
मेरी जान क़ुर्बान जाने वफ़ा पे
में राज़ी वो राज़ी हो उसकी रज़ा पे
मेरी जान जाने वफ़ा के लिए है
मेरा हर लफ़ज़ मुस्तफा के लिए है
में सो बार लौटूं में सो बार आऊं
में क़ुर्बान जाऊं, में क़ुर्बान जाऊं, में क़ुर्बान जाऊं
क्या खूब प्यारी हैं उसकी दुआएं
गुनाहों से महफूज़ उसकी अदाएं
वो पहला मुजाहिद , वो पहला है गाज़ी
वो पहला खलीफा वो पहला नमाज़ी
ज़मीं पे चरागे वफ़ा बनके आया
हबीबे हबीबे खुदा बन के आया
तेरा सानी पैदा हुआ है न होगा
कोई मर्द ऐसा हुआ है न होगा
वो सिद्दीक़े अकबर के जिसका लक़ब है
वो पहला खलीफा वो पहला अरब है
सदाक़त का पैकर, समंदर वफ़ा का
वो ग़मख्वार पहला रसूले खुदा का
नबी से वो नज़रें हटाता नहीं है
जहां पर नबी हैं वो अब भी वही है
वो ईमान लाने बचने में पहला
वो बारे खिलाफत उठाने में पहला
सदाक़त शुजाअत में वो सबसे आगे
नबी की इताअत में वो सबसे आगे
रसूले खुदा पे फ़िदा होने वाला
वो जाने वफ़ा पर फ़िदा होने वाला
वो सारे का सारा खुदा के लिए था
वो ज़िंदा फकत मुस्तफा के लिए था
वो सिद्दीक़े अकबर के जिसका लक़ब है
वो पहला खलीफा वो पहला अरब है
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
फकत बशर ही नहीं अर्श पर फिरिशते भी
हैं करते आपकी इज़्ज़त अबूबकर सिद्दीक़
रसूले पाक की चाहत अबूबकर सिद्दीक़
हैं आप फखरे खिलाफत अबूबकर सिद्दीक़
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
अली का हो नहीं सकता वो रोज़े महशर तक
जो रक्खे तुजसे अदावत अबूबकर सिद्दीक़
मुस्तफा के दिलबरों दिलदार भी सिद्दीक़ हैं
जां-निसार ऐसे के यारे ग़ार भी सिद्दीक़ हैं
दुश्मन दीं के लिए तलवार भी सिद्दीक़ हैं
हिफ्ज़े दीं की आहनी दीवार भी सिद्दीक़ हैं
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
अव्वल भी तू है मौला, अफ़ज़ल भी तू है मौला
उमर ने कह दिया अबूबकर अबूबकर
उस्मान की सदा अबूबकर अबूबकर
हैदर ने नारा लगाया अबूबकर अबूबकर
नबी के पास जो सोये हुए हैं राहत से
वही हैं साहिबे इज़्ज़त अबूबकर सिद्दीक़
रसूले पाक की चाहत, अबूबकर सिद्दीक़
हैं आप फखरे खिलाफत, अबूबकर सिद्दीक़
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
मुख़ालिफ़ीन तड़पते ही रहेंगे यूँहीं तेरे
न होगी कम तेरी शोहरत अबूबकर सिद्दीक़
मुस्तफा के दिलबरों दिलदार भी सिद्दीक़ हैं
जां-निसार ऐसे के यारे ग़ार भी सिद्दीक़ हैं
दुश्मन दीं के लिए तलवार भी सिद्दीक़ हैं
हिफ्ज़े दीं की आहनी दीवार भी सिद्दीक़ हैं
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
सहबियों की जमाअत के पेशवा हैं आप
सभी को तुजसे है उल्फत अबूबकर सिद्दीक़
रसूले पाक की चाहत, अबूबकर सिद्दीक़
हैं आप फखरे खिलाफत, अबूबकर सिद्दीक़
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
क़याम रोज़े जज़ा हम को बख्शवा लेंगे
रफ़ीके मालिके जन्नत अबूबकर सिद्दीक़
रसूले पाक की चाहत, अबूबकर सिद्दीक़
हैं आप फखरे खिलाफत, अबूबकर सिद्दीक़
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
सिद्दीक़ मौला मेरे सिद्दीक़ मौला
کیا بات mashaAllah
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