Wo Taiba ki Galiyan Wo Zamzam ka Pani Lyrics by Sandali Ahmad in English ~ Hindi
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya AllahYa Allah Allah Allah Ya Allah
Wahaan ki Fakeeri hai , Rashqe Ameeri
Wahaan par basar ho , Meri Zindagaani
Aye Allah ! Mere Muqaddar mein likh de
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Wahaan Chaar-su Rehmaton ke Ujaale
Wahaan jaake aate hein Taqdeer waale
Wahaan ka Saweraa Karam ki Zamaanat
Wahaan Ek Pal mein badalti hai Qismat
Wahaan Har Taraf Jannaton ke Manaazir
Wahaan ki Har Ek Shab Suhaani Suhaani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Wahaan Aaj Tak hein Farishton ke Fere
Jahaan Chalte Firte the Sarkaar Mere
Jahaan Ham ko Quraan ka Tohfaa milaa hai
Jahaan Baabe Rehmat Hamesha khulaa hai
Wahin Meri Qismat ka Chamkegaa Taara
Wahin Par mitegi Meri Naa-Tawaani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Wo Galiyaan Wo Mehboobe Daawar ki Galiyaan
Wo Galiyaan Wo Saaqee-e-Qausar ki Galiyaan
Wo Galiyaan Jahaan Noor hi Noor Har Soo
Abhi Tak hai Jinmein Muhammad ki Khushboo
Abhi Tak Karam ki Gataaon ke Manzar
Abhi Tak Wohi Rut hai Sadiyon Puraani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Jo Zaalim the Har Zulm Unse chhudaaya
Ke Aadam ke Beton ko Jeenaa sikhaaya
Wo Mohtaaj Jinke nahin the thikaane
Gale se Lagaaya Mere Mustafa ne
Jahaan par Gareebon ko Izzat mili hai
Yateemon ne paayi Wahaan Shaadmaani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Wahin se mili Hamko Imaan ki Daulat
Wahin se Do Aalam pe barsi hai Rehmat
Wo Aesaa Nagar Jispe Jannat nichhaawar
Usi Sar-Zameen par hai Allah ka Ghar
Wo Aesi Zameen Aasmaan Jisko chume
Jahaan so rahaa hai Do Aalam ka Waali
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Khuda-wanda Mujpar Ye Ahesaan kar de
Kabhi Mujko Kaabe ka Mehmaan kar de
Dare Mustafa par Mein Palkein bichhaun
Kabhi bhi Wahaan se Mein Waapas na aaun
Isi dhun mein Iqbaal aaya budhaapa
Isi aarzu mein kati hai Jawaani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Wo Taybaa ki Galiyaan , Wo Zamzam ka Paani
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
Ya Allah Allah Allah Ya Allah
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
वहाँ की फकीरी है , रश्के अमीरी
वहाँ पर बसर हो , मेरी ज़िंदगानी
अये अल्लाह ! मेरे मुक़द्दर में लिख दे
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
वहाँ चारसू रहमतों के उजाले
वहाँ जाके आते हैं तक़दीर वाले
वहाँ का सवेरा करम की ज़मानत
वहाँ एक पल में बदलती है क़िस्मत
वहाँ हर तरफ जन्नतों के मनाज़िर
वहाँ की हर एक शब् सुहानी सुहानी
वहाँ चारसू रहमतों के उजाले
वहाँ जाके आते हैं तक़दीर वाले
वहाँ का सवेरा करम की ज़मानत
वहाँ एक पल में बदलती है क़िस्मत
वहाँ हर तरफ जन्नतों के मनाज़िर
वहाँ की हर एक शब् सुहानी सुहानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
वहाँ आज तक हैं फरिश्तों के फेरे
जहां चलते फिरते थे सरकार मेरे
जहां हम को क़ुरआन का तोहफा मिला है
जहां बाबे रेहमत हमेशा खुला है
वहीँ मेरी क़िस्मत का चमकेगा तारा
वहीँ पर मिटेगी मेरी ना-तवानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
वो गलियां महबूबे दावर गलियां
वो गलियां साक़ी-इ-क़ौसर की गलियां
वो गलियां जहाँ नूर ही नूर हर सू
अभी तक है जिनमें मुहम्मद की खुश्बू
अभी तक करम की गटाओं के मंज़र
अभी तक वही रुत है सदियों पुरानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
जो ज़ालिम थे हर ज़ुल्म उनसे छुड़ाया
के आदम के बेटों को जीना सिखाया
वो मोहताज जिनके नहीं थे ठिकाने
गले से लगाया मेरे मुस्तफा ने
जहाँ पर गरीबों को इज़्ज़त मिली है
यतीमों ने पायी वहाँ शादमानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
वहीँ से मिली हमको इमां की दौलत
वहीँ से दो आलम पे बरसी है रेहमत
वो ऐसा नगर जिसपे जन्नत निछावर
उसी सरज़मीं पर है अल्लाह का घर
वो ऐसी ज़मीं आसमां जिसको चूमे
जहाँ सो रहा है दो आलम का वाली
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
खुदावन्दा मुझपर ये अहसान कर दे
कभी मुझको काबे का मेहमान कर दे
दरे मुस्तफा पर में पलकें बिछाऊं
कभी भी वहाँ से में वापस न आऊं
इसी धुन में इक़बाल आये बुढ़ापा
इसी आरज़ू में कटी है जवानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
वो तयबह की गलियां वो ज़मज़म का पानी
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
या अल्लाह अल्लाह अल्लाह या अल्लाह
Very nice and good love
ReplyDeleteमाशा अल्लाह , बहुत ही बेहतरीन नात ए पाक को बहुत ही बेहतरीन अंदाज़ में पढ़ा गया है।
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