Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein Lyrics in Roman(Eng) & हिंदी
Roman :
Sunniyon ke Peshwaa Aye Imaam Ahmed Raza
Sunniyon ke Peshwaa...
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Hubbe Nabi aur Hubbe Sahaaba mein chal kar
Ishqe Ali bhi Dil mein chalte hein rakh kar
Ahle Bayt ke Dil se Chaahat waale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Jinko naa Quraan mein dikhe Aaqa ki Shaan
Jinko naa aata hai Samaj Kanzul Imaan
Wo Najdi to Qaume Ghalazat waale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Basti Basti Kariya Kariya Kaanara
Is Naare se Ghunj uthaa Aalam Saara
Sun lo Ham to Taaje Shariyat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Jisne Pilaaya Ishqe Raza ka Jaam Hamein
Aur Sikhaya Pyare Raza ka Naam Hamein
Us Murshid ki Dil se Ulfat waale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shaan se Ham to kehte Har Dam rehte hein
Jo bhi Raza ke Naam se Jalte rehte hein
Unki Jalan mein Wajhe Kasrat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Peer mila Attar Hamein Jag mein Aala
Razwi Ziyaaee Qadri Jisne kar daala
Bekhud Ham to Aesi Qismat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
Shukre Khuda ke Razwi Rangat wale hein
Ham Sunni to Aala Hazrat wale hein
हिंदी :
सुन्नियों के पेशवा ऐ इमाम अहमद रज़ासुन्नियों के पेशवा....
शुक्रे खुदा के रज़वी रंगत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
हुब्बे नबी और हुब्बे सहाबा मैं चल कर
इश्क़े अली भी दिल में चलते हैं रख कर
अहले बैत के दिल से चाहत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
शुक्रे खुदा के रज़वी रंगत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
जिनको ना क़ुरान में दिखे आका की शान
जिनको ना आता है समज कंज़ुल ईमान
वो नजदी तो क़ौमे ग़लाज़त वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
शुक्रे खुदा के रज़वी रंगत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
बस्ती बस्ती करिया करिया कानरा
इस नारे से गूंज उठा आलम सारा
सुन लो हम तो ताजे शरीयत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
शुक्रे खुदा के रज़वी रंगत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
जिसने पिलाया इश्क़े रज़ा का जाम हमें
और सिखाया प्यारे रज़ा का नाम हमें
उस मुर्शिद की दिल से उल्फ़त वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
शान से हम तो कहते हर दम रहते हैं
जो भी रज़ा के नाम से जलते रहते हैं
उनकी जलन में वज्हे कसरत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
शुक्रे खुदा के रज़वी रंगत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
पीर मिला अत्तार हमें जग में आला
रज़वी ज़ियाई क़ादरी जिसने कर डाला
बेखुद हम तो ऐसी किस्मत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
शुक्रे खुदा के रज़वी रंगत वाले हैं
हम सुन्नी तो आला हज़रत वाले हैं
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