Hum ko Bulana Ya Rasool allaah Lyrics by Hafiz Tahir Qadry in English ~ Hindi
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Aakhri waqt hai Kya Ronake Duniya dekhun
Ab to bas Ek hi dhun hai ke Madina dekhun
Hamein Bulaana Aaqa, Hamein Bulaana Aaqa
Hamein Bulaana Aaqa, Hamein Bulaana Aaqa
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Badi ummid hai Sarkaar qadmon mein bulaayeinge
Karam ki jab nazar hogi Madine Ham bhi jaayeinge
Agar jaana Madine mein hua Ham gham ke maaron ka
Makine Gumbade Khazra ko haale Dil sunaayeinge
Kabhi to Sabz Gumbad ka Ujaala Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwaayeinge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Seene pe Haath rakh ke Mein Dil ko dhundhta hun
Dil Mujko dhundhta hai Darbaare Mustafa mein
Ab to bas Ek hi dhun hai ke Madina dekhun
Hamein Bulaana Aaqa, Hamein Bulaana Aaqa
Hamein Bulaana Aaqa, Hamein Bulaana Aaqa
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Badi ummid hai Sarkaar qadmon mein bulaayeinge
Karam ki jab nazar hogi Madine Ham bhi jaayeinge
Agar jaana Madine mein hua Ham gham ke maaron ka
Makine Gumbade Khazra ko haale Dil sunaayeinge
Kabhi to Sabz Gumbad ka Ujaala Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwaayeinge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Seene pe Haath rakh ke Mein Dil ko dhundhta hun
Dil Mujko dhundhta hai Darbaare Mustafa mein
Dhadak utthega ye Dil ya Dhadaknaa bhul jaayega
Dile Bismil ka Us Dar par tamaasha Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwayenge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Adab se Haath baandhe Unke Roze par khade honge
Sunehri Jaaliyon ka yun nazaara Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwaayeinge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Baadal gire hue hein Baarish baras rahi hai
Lagta hai kya suhaana Meethe Nabi ka Roza
Barasti Gumbade Khazra se takraati hui bundein
Wahaan par Shaan se Baarish barasna Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwaayeinge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Muraadein mil rahi hein Shaad-Shaad Unka Sawaali hai
Labon par Iltijaa hai Haath mein Roze ki Jaali hai
Nikaala kab kisi ko Bazme Faize Aam se Tumne
Nikaali hai to aane waalon ki hasrat nikaali hai
Dare Daulat se lotaaya nahin jaata koi khaali
Wahaan khairaat ka bantna Khudaaya Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwaayeinge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulaana Ya Rasulallaah
Hamko Bulaana Ya Habiballaah
Bulaalo fir Muje Aye Shahe Behro-Bar Madine mein
Mein fir rota hua aaun Tere dar par Madine mein
Bulaalo Ham garibon ko Bulaalo Ya Rasulallah
Paye Shabbiro Shabbar Fatema Haidar Madine mein
Guzaare Raat Din Apne Isi ummid par Hamne
Kisi Din to Nabi ka Pyara Roza Ham bhi dekhenge
Hamein Bulwayenge Aaqa Madina Ham bhi dekhenge
Hamko Bulana Ya Rasulallah
Hamko Bulana Ya Habiballah
Teri Jaliyon ke niche Teri Rehmaton ke saye
Jise dekhni ho Jannat Wo Madina dekh aaye
Pahunch jaayenge jis Din Aye Ujaagar Unke qadmon mein
Kise kehte hein Jannat ka nazaara Ham bhi dekheinge
Hamein Bulwayenge Aaqa Madina Ham bhi dekheinge
Hamko Bulana Ya Rasulallah
Hamko Bulana Ya Habiballah
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
आखरी वक़्त है क्या रोनके दुनिया देखूं
अब तो बस एक ही धून है के मदीना देखूं
हमें बुलाना आक़ा , हमें बुलाना आक़ा
हमें बुलाना आक़ा , हमें बुलाना आक़ा
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
बड़ी उम्मीद है सरकार क़दमों में बुलाएंगे
करम की एक नज़र होगी मदीने हम भी जाएंगे
अगर जाना मदीने हुआ हम गम के मारों का
मकीने गुम्बदे ख़ज़रा को हाले दिल सुनाएंगे
कभी तो सब्ज़ गुम्बद का उजाला हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
सीने पे हाथ रख के में दिल को ढूंढता हूँ
दिल मुझको ढूंढता है दरबारे मुस्तफा में
धड़क उट्ठेगा ये दिल या धड़कना भूल जाएगा
दिले बिस्मिल का उस दर पर तमाशा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
अदब से हाथ बांधे उनके रोज़े पर खड़े होंगे
सुनहरी जालियों का यूँ नज़ारा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
बादल गिरे हुए हैं बारिश बरस रही है
लगता है क्या सुहाना मीठे नबी का रोज़ा
बरसती गुम्बदे ख़ज़रा से टकराती हुई बूंदें
वहाँ पर शान से बारिश बरसना हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
मुरादें मिल रही हैं शाद शाद उनका सुवाली है
लबों पर इल्तिजा है हाथ में रोज़े की जाली है
निकला कब किसी को बज़्मे फैज़े आम से तुमने
निकाली है तो आने वालों की हसरत निकाली है
दरे दौलत से लौटाया नहीं जाता कोई खाली
वहाँ खैरात का बंटना खुदारा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
बुलालो फिर मुझे अये शाहे बहरो बार मदीने में
में फिर रोता हुआ आऊं तेरे दर पर मदीने में
बुलालो हम गरीबों को बुलालो या रसूलल्लाह
पए शब्बीरो, शब्बर, फातिमा, हैदर मदीने में
गुज़ारे रात दिन अपने इसी उम्मीद पर हमने
किसी दिन तो नबी का प्यारा रोज़ा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
तेरी जालियों के निचे तेरी रहमतों के साये
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आये
पहुँच जाएंगे जिस दिन अये उजागर उनके क़दमों में
किसे कहते हैं जन्नत का नज़ारा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
अब तो बस एक ही धून है के मदीना देखूं
हमें बुलाना आक़ा , हमें बुलाना आक़ा
हमें बुलाना आक़ा , हमें बुलाना आक़ा
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
बड़ी उम्मीद है सरकार क़दमों में बुलाएंगे
करम की एक नज़र होगी मदीने हम भी जाएंगे
अगर जाना मदीने हुआ हम गम के मारों का
मकीने गुम्बदे ख़ज़रा को हाले दिल सुनाएंगे
कभी तो सब्ज़ गुम्बद का उजाला हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
सीने पे हाथ रख के में दिल को ढूंढता हूँ
दिल मुझको ढूंढता है दरबारे मुस्तफा में
धड़क उट्ठेगा ये दिल या धड़कना भूल जाएगा
दिले बिस्मिल का उस दर पर तमाशा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
अदब से हाथ बांधे उनके रोज़े पर खड़े होंगे
सुनहरी जालियों का यूँ नज़ारा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
बादल गिरे हुए हैं बारिश बरस रही है
लगता है क्या सुहाना मीठे नबी का रोज़ा
बरसती गुम्बदे ख़ज़रा से टकराती हुई बूंदें
वहाँ पर शान से बारिश बरसना हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
मुरादें मिल रही हैं शाद शाद उनका सुवाली है
लबों पर इल्तिजा है हाथ में रोज़े की जाली है
निकला कब किसी को बज़्मे फैज़े आम से तुमने
निकाली है तो आने वालों की हसरत निकाली है
दरे दौलत से लौटाया नहीं जाता कोई खाली
वहाँ खैरात का बंटना खुदारा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
बुलालो फिर मुझे अये शाहे बहरो बार मदीने में
में फिर रोता हुआ आऊं तेरे दर पर मदीने में
बुलालो हम गरीबों को बुलालो या रसूलल्लाह
पए शब्बीरो, शब्बर, फातिमा, हैदर मदीने में
गुज़ारे रात दिन अपने इसी उम्मीद पर हमने
किसी दिन तो नबी का प्यारा रोज़ा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
तेरी जालियों के निचे तेरी रहमतों के साये
जिसे देखनी हो जन्नत वो मदीना देख आये
पहुँच जाएंगे जिस दिन अये उजागर उनके क़दमों में
किसे कहते हैं जन्नत का नज़ारा हम भी देखेंगे
हमें बुलवाएंगे आक़ा मदीना हम भी देखेंगे
हमको बुलाना या रसूलल्लाह
हमको बुलाना या हबीबल्लाह
Naat Khwan :
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